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मेरे पापा-वे अभी भी हमारी हौंसला बन कर खड़े हुए हैं

Nasima Khatun 24 Jun 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत अभिप्रेरन कविता पिता के बारे में 5478 0 Hindi :: हिंदी

मुझे देख कर पापा के आंखों में आसूं भर आएं हैं।
मां तसल्ली रखे हुए हौसला संभाले हुए हैं।
खाने के लिए मां मुझे तोते की तरह समझाया करतीं हैं।
न जाने कितनी रात पापा मेरे ईलाज के लिए जागे हैं।
एक लाने को कहते दो लाते मन कि बात तुरंत जान जाते हैं।
ऐसा क्यों है न जाने सबकी भावनाओं का कदर करते हैं।
दिन भर मेहनत करके हमारी ख्वाहिशों को पुरा करते हैं।
दिल गमों से भर चुके हैं लेकिन लबों पर उफ तक न आते हैं।
बेटी का सयान होते ही पिता का बोझ बढ़ जाता है।
हमारी खुशीयों और पढ़ाई के लिए दुनिया से लड जाते हैं।
उम्र होने के बाद भी हम सब को संभालें हुए हैं।
वे अभी भी हमारी हौंसला बन कर खड़े हुए हैं।

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