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नदी की ओर चलो- हर एक कदम पर निर्मलता को देखो

Shivani singh 07 Jul 2023 कविताएँ अन्य 7265 0 Hindi :: हिंदी

नदी की ओर चलो
हर एक कदम पर निर्मलता को देखो
पानी की धार जैसे जीवन को बहाती है
खुशियों का संगीत गाती है।

जलती रवी की किरणों में
नदी चमकती है चमकने को
महकती गुलाबी फूलों से
वो अपनी सौंदर्य बिखेरती है।

गहरा नीला रंग उसका
आसमान में छाया बनता है
सभी प्राणियों की प्यास बुझाती है
नदी की धारा सबको बहाती है।

छोटी लहरें खेलती हैं
खुद को बड़ी बनाती हैं
मिट्टी की गोद में सोने को
नदी अपनी चादर सजाती है।

जब शांति की तलाश हो
अपनी चिंताओं से छुटकारा पाना हो
नदी के किनारे जाओ और
स्वयं को नदी में ढलाओ।

नदी की लहरों में खो जाओ
अपनी आत्मा को महसूस करो
प्रकृति की गोद में आराम करो
नदी के संग सुखी बनो।

जीवन की धारा जैसे बहो
दुःख और दर्द को बहा दो
खुशियों की नाव बनाओ
नदी की ओर चलो, नदी में बह जाओ।

यह कविता नदी की सुंदरता, प्राकृतिकता और जीवन के महत्व को दर्शाने का प्रयास करती है। नदी को मानव जीवन के एक महत्वपूर्ण प्रतीक के रूप में देखा गया है, जो हमें शांति, सुख और प्रकृति के संग संबंधित करती है। इसके माध्यम से, कवि नदी के अतीत, वर्तमान और भविष्य के साथ हमारा अनुभव साझा करता है और हमें नदियों की महत्वपूर्णता का आदर्श दिखाता है।

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