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नन्ही चंद्रमुखी

Suraj pandit 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक Save the girls 58469 0 Hindi :: हिंदी

            होई अंकुरण जगत में,
            लगत ऐसो चंद्रमुखी सुहाई ।
            देखत न कोई चंद्रमुखीयन सो,
            होई आँखों में चंद्रमा छुपाई ।
सोचत अंकुरण के भविष्य,
होई गोद चंद्रमा आई ।
होवत जब कोई चंद्रमुखी,
सोचत सो परायों धन सुनाही ।
         अवत है न ज्ञात कोई,
         कहे जग क्यों परायों धन सुनाही ।
          होवत न संसार चंद्रमुखीयन के,
          है प्यारों संसार छुपाई ।
फूलों के लागत चंद्रयन सो,
है मिठे वाण रसाई ?
कहत सूरज गीत पूरान के,
चंद्रयन जग देवी कहाई ।
                         --------सूरज पंडित

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