Gunja kumari 30 Mar 2023 कविताएँ बाल-साहित्य 12035 0 Hindi :: हिंदी
तसली तो देते है, पर साथ नहीं। आगे तो बढ़ते हैं, पर आज नहीं।। पैसा तो कमाते, पर ज़बाब नहीं।। नज़रों का मिलान है, आंखों का बौछार है। बड़े छोटे का कोई मोल नहीं, बड़ा हुआ तो क्या हुआ। कोई आदर नहीं, कोई समान नहीं। पैसे की देख लालच, आग भड़की लाल रंग की।। बाद में होए एहसास, नरम दिल का पड़े प्रभाव खुल जाए तेरी आंख।।