Join Us:
20 मई स्पेशल -इंटरनेट पर कविता कहानी और लेख लिखकर पैसे कमाएं - आपके लिए सबसे बढ़िया मौका साहित्य लाइव की वेबसाइट हुई और अधिक बेहतरीन और एडवांस साहित्य लाइव पर किसी भी तकनीकी सहयोग या अन्य समस्याओं के लिए सम्पर्क करें

प्यारा बचपन-जगत की खुशियों का संग्रहार

Shivani singh 21 Jun 2023 कविताएँ अन्य 9166 3 5 Hindi :: हिंदी

एक प्यारा बचपन, अनमोल धार,
जगत की खुशियों का संग्रहार।

दोस्ती की डोली, मस्ती का जहाज,
खेल-खिलोनों का लहराता साज।

छुट्टी की बेल, खुशियों की रात्रि,
मिठाई का बगीचा, मस्त खात्री।

माँ के हाथों का प्यारा आहार,
पिता की गोदी, सुरीली गितार।

दीदी के जूले, भाई की मस्ती,
नन्हे मुंहों से निकले प्यारे शब्द।

छोटे बच्चों की हंसी और चुप,
जीवन के रंगों से भरी दुपहर।

खेलने की छुट्टी, घर का बगीचा,
माल्टीकलर का प्यारा संगीत।

बचपन की चादर, नन्हीं सी कहानी,
बारिश की बूंदों में मस्ती गानी।

आदर्श बचपन, खुशियों की जगह,
परिवार की गोद, रंगीन नाविक।

ये थी मेरी प्यारी बचपन की कविता,
जीने का रंग, बचपन की विद्या।

Comments & Reviews

Sudha Chaudhary
Sudha Chaudhary सरस

10 months ago

LikeReply

Sudha Chaudhary
Sudha Chaudhary सरस

10 months ago

LikeReply

Pradeep Kumar Maurya
Pradeep Kumar Maurya Nice

10 months ago

LikeReply

Post a comment

Login to post a comment!

Related Articles

शक्ति जब मिले इच्छाओं की, जो चाहें सो हांसिल कर कर लें। आवश्यकताएं अनन्त को भी, एक हद तक प्राप्त कर लें। शक्ति जब मिले इच्छाओं की, आसमा read more >>
Join Us: