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राह के जिसने मिरे-कंटक चुने हजार

Babita Sharma 22 Sep 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत #साहित्य लाइव#yqbaba#yqdidi#instawrite#mythaughts#life#dohe 19327 0 Hindi :: हिंदी

राह के जिसने मिरे,कंटक  चुने हजार।
उसे भुलाने के हुये, यत्न सभी बेकार।।

कांधे जिसके सिर कभी, रख रोया बेजार।
उसे भुलाने के हुये ,  यत्न सभी बेकार।।

परछाई बन जो कभी ,जीवन रहा शुमार।
उसे भुलाने के हुये , यत्न सभी बेकार।।

सुख दुख सब साझा किये,बाँटा जिसने प्यार।
उसे भुलाने के हुये ,  यत्न सभी बेकार।।

  मात्र दीद से जब हुई,मन बगिया गुलजार।
  उसे भुलाने के हुये, यत्न सभी बेकार।।

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