Official Arjun Panchariya 26 Apr 2023 कविताएँ समाजिक Pandit4517_ 7448 0 Hindi :: हिंदी
*🌻 सबकी अपनी-२ व्यथा🌻* एक बार एक व्यक्ति के जेब में दो हजार रूपये 🌷(2000/-) का नोट एवं एक रूपये का सिक्का एक साथ हो गए...* सिक्का अभीभूत होकर दो हजार के नोट को देखे 🌷जा रहा था... नोट ने पूछा - इतने ध्यान से क्या देख रहे हो ? सिक्का ने कहा - आप जैसे इतने बड़े मूल्यवान से 🌷कभी मिले नही इसलिए, ऐसे देख रहा हूँ, आप जन्म से अभी तक कितना घूमे फिरे होगे ? आपका मूल्य हमसे हजारों गुना जादा है आप 🌷कितने लोगों के उपयोगी हुए होगे। नोट ने दुखी होकर कहा - तुम जैसा सोचते हो ऐसा कुछ 🌷भी नही है। मै एक उद्योगपति की तिजोरी मे कई दिनों तक कैद था। एक दिन उसने🌷 टैक्स चोरी से बचने के लिए घूस के रुप में मुझे एक 🌷अधिकारी के हवाले कर दिया। मैने सोचा चलो कैद से छूटे। अब तो किसी के उपयोगी 🌷होगें पर उसने तो मुझे बैंक लाकर मे ही कैद कर दिया। महीनों बाद अधिकारी ने 🌷बंगला खरीदने में, हमें बिल्डर के हाथों मे सौप दिया। उसने हमे एक बोरा मे बांधकर 🌷 एक अंधेरी कोठरी मे बंद कर दिया। वहां तो हमारा श्वांस फूलने लगा और तड़फता रहा। किसी तरह अभी कुछ 🌷 दिन पहले मै इस व्यक्ति के जेब मे पहुंचा हूँ। सही बताऊं तो पूरी जिन्दगी जेल मे🌷 कैद की तरह रहा। नोट ने अपनी बात पूरी कर सिक्के से पूछा दोस्त तू 🌷बता जन्म से अब तक कहां कहां घूमा फिरा किससे🌷 किससे मिले..? सिक्का ने घबड़ाते-घबड़ाते कहा-दोस्त.. मैं अपनी 🌷क्या बात कहूँ..? एक जगह से दूसरी जगह तीसरी चौथी बस सतत घूमते-फिरते ही 🌷रहे! कभी भिखारी के कटोरे से बिस्कुट वाले के पास तो कभी बच्चों के पास से 🌷चाकलेट वाले के पास पवित्र नदियों मे नहा कर, तीर्थ स्थल मे तीर्थ कर आए वहां प्रभु चरणों मे जगह मिली तो कभी 🌷आरती की थाली में घूमें और खूब मजा किया और जिसके भी पास गए सबको मजा 🌷करा रहा हूँ... सिक्का की बात सुनकर 🌷 नोट की आँखें भर आई। *सार:- आप कितने बड़े हो ये महत्व नहीं रखता, 🌷महत्वपूर्ण यह कि है कि आप दूसरों के लिए कितने 🌷उपयोगी हो......!! वो हाथ सदा पवित्र होते है, जो प्रार्थना से ज्यादा🌷 सेवा के लिये उठते हैं।*
Hi! I'm Arjun Sharma, I'm from Sindhu I'm 16 years old. [ I'm early 20 years old] I am [I'm] pursuin...