Bholenath sharma 11 Mar 2024 कविताएँ प्यार-महोब्बत सखी 7815 0 Hindi :: हिंदी
मिले अधिक न वे सखी , जिनको मिलने जाय । मिले सखी के वे सखी , वे सखि देखत छिप जाय ।
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