Shamma parween 30 Mar 2023 कविताएँ दुःखद 9338 0 Hindi :: हिंदी
निकले मंजिल की तलाश में मंजिल तो ना मिली हा मगर रास्तों पे बिछी कटो पे चलने का हुनर जान गए जखम तो बहुत मिला रास्तों मे मरहम तो नहीं मगर हा दरद के साथ चलने का हुनर जान गए
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