Sunny Kumar 24 Jun 2023 कविताएँ धार्मिक सूरज का रूप, सूरज का प्रचण्ड रूप, suraj ka prachand rup, suraj ka rup, garmi ki kavita dhup par kavita 10467 1 5 Hindi :: हिंदी
सूरज का प्रचण्ड रूप सूरज का यह, प्रचण्ड रूप उगलती आग, यह कड़क धूप त्राहि–त्राहि हैं,सब जीव–जंतु देख मार्तण्ड का, यह अनल रूप मानो धरती जल, सिकुड़ रही वायु संग अग्नि, धधक रही छाया में भी, ना आराम है वसुधा पावक सी, दहक रही बीता अषाढ़ का, आधा मास बादल नही दिखती, आस–पास बाट जोह रहें, सब प्राणवान जल बिन धारा का, है उपवास हे दीनबंधु! एक उपकार करो हम मही वासी का, कष्ट हरो हे वज्रधारी, हे मेघराज कर प्रचुर वृष्टि, कृतार्थ करो ~ Sunny Kumar
10 months ago