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विश्व जगत की समृद्धि और विकास

Shivani singh 28 Jun 2023 कविताएँ अन्य 5810 1 5 Hindi :: हिंदी

धरती के अनंत शोभित गगन,
जगमगाती चांदनी और तारों का जहां।
प्रकृति का नजारा अनूठा,
सौंदर्य से परिपूर्ण यह भगवान।

पहाड़ों की ऊँचाइयों में घूमता हुआ,
नदी की लहरों में बहता हुआ।
वनों के सौंदर्य में खो जाऊँ,
विश्व जगत की सुंदरता को पाऊँ।

जीवन की सुरंग में उड़ते पक्षी,
कविताएँ गाते हैं मधुर सी।
फूलों की महक और बर्फीले पहाड़,
हर जगह है प्रकृति का विश्राम।

विश्व जगत की समृद्धि और विकास,
मनुष्य की प्रगति और उद्धार।
सभी को मिले खुशहाल जीवन,
प्रेम, शांति, सौहार्द और संगठन।

प्रकृति का संगीत है विश्व जगत,
ध्यान में लीन रहो, अपना मन सजात।
हमारी ज़िन्दगी बने एक कविता,
प्यार और समझ से भरी यह विश्वगीता।

चलो एकता की ओर बढ़े,
दूसरों की मदद करें और सम्मान दें।
विश्व जगत में खुशहाली और सद्भाव,
जीवन को सुंदरता से भर दें।

विश्व जगत की महानत

ा का आदर करें,
प्रकृति को बचाएं, संरक्षण करें।
विश्व शांति और प्रगति की राह पर चलें,
सबको प्रेम और सहयोग से जीवन बसाएं।

विश्व जगत का हम सबका हैं ध्येय,
प्यार और भाईचारे से सजा यह धरती का रंगीन मेल।

Comments & Reviews

संदीप कुमार सिंह
संदीप कुमार सिंह बहुत खूब, लाजवाब।

10 months ago

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