Utsav Mandaviya 30 Mar 2023 कविताएँ अन्य ये तो जिंदगी है कहा अपने हिसाब से चलती है, khushi Dholiya, कोरोना की कविता , diary poem ,@_world_with_words, motivational poem, emotional poem, 58023 0 Hindi :: हिंदी
सोचा नहीं था जिंदगी एक दिन ये मोड़ पे आयेगी, जहा अपनो से ही अपनो को बचना पड़ेगा, पर ये तो जिंदगी है,कहा अपने हिसाब से चलती हुई। लगता है की ऊपरवाला हमसे खफा हो गया है, तभी तो कोई रह नही दिखा रहा है, पर ये तो जिंदगी है,कहा अपने हिसाब से चलती है। बिस्तर पे सोया मरीज अपनो के लिए तरस रहा है, पर पास रेहके भी दूरियां जरूरी सी हो गई है, पर ये तो जिंदगी है ,कहा अपने हिसाब से चलती है। पर ये तो वीरो का देश है यार, आसानी से हार नही मानेंगे, जिंदगी भले ना चले अपने हिसाब से, हम जिंदगी के हिसाब से डटकर चलेंगे। जिंदा रहने का ये हौसला पर्स खुशियां लायेगा, लेकिन अभी जरूरत थोड़ी वक्त देनेकी है, क्योंकि ये तो जिंदगी है,कहा अपने हिसाब से चलती है। -Khushi Sangeetaben Pravinbhai Dholiya