Rameez Raja 05 Feb 2024 कविताएँ समाजिक है वह सम्मान ! निराला 6161 0 Hindi :: हिंदी
वैसे हम सभी का सम्मान करते ही हैं , लेकिन देखते हैं अनोखा सम्मान। किसी ने पूछा मुझे भाई, ये सम्मान होता क्या है ? यह किस चिड़िया का नाम है ? ये सम्मान आखिर होता क्या है ? पास से गुज़रता एक चपरासी बोला, जब साहब आए और मुस्कुरा दें, जवाब दे , है यह सम्मान !! मैंने पूछा कैसे ??? कहने लगा हंसते हैं हम कई अवसरों पर , मुस्कुराते हैं हम कई जगहों पर, पर क्या सुबह की मीठी मुस्कान कोई आपको दे और यदि जवाब भी दे कोई अपने से निम्न पद के व्यक्ति को मुस्कुराकर बावजूद अपनी रोजमर्रा के उलझे हुए जीवन में ?? तो है वह सम्मान ! कैसे ? जवाब है ..... घर से हैं हम जब निकलते,वही ताने है बार बार खाते, बच्चों को स्कूल छोड़ने का झंझट, ट्रैफिक की मोटर गाड़ियों की आवाज़ें जो कर दे आपका जीवन दुश्वार और यह सब सहते हुए सभी से जंग जीतकर जब ऑफिस में प्रवेश करें और चपरासी की मंद आवाज़ में प्रणाम सुने और उस पल के अफ़सर की मधुर मुस्कान बताता है वह है सम्मान का पात्र, है वह सम्मान ! दोस्तों के संग खा पीकर, ग्राहक से टकरार कर, मैनेजर की डांट खाकर, आंखों में अंगारे बरसाकर बाहर निकले , एक मधुर आवाज़ सुनाई दी उस नन्हें बच्चे की जो अपनी नन्हीं आवाज़ से कह उठे अंकल क्या आपके पास पेंसिल है ?? मुझे अपना होम वर्क पूरा करना है । सोचो, वह गुस्सा, वह आक्रोश का क्या होगा .... बस बच्चे की मधुर मुस्कान के साथ वह गुस्सा और कोप कहीं खो सा गया और पेंसिल ढूंढता हुआ लाकर उसे देता ...... यह है उस बच्चे का सम्मान।