संदीप कुमार सिंह 06 May 2023 कविताएँ समाजिक मेरी यह कविता समाज हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभान्वित होंगें। 5461 0 Hindi :: हिंदी
सच कहना अपराध है,झूठों का है राज। ऐसे में सच मत चले, बड़ा अजब है आज।। सच कहना अपराध है, मिथ्या मुख पर बोल। आदत यह है झूठ का, नहीं सत्य का मोल।। सच कहना अपराध है,करते नहीं पसंद। अभी झूठ का राज है, सच जैसे है बंद।। सच कहना अपराध है,बुरा हुआ है हाल। सत्य कभी हारे नहीं, बदले अवश्य चाल।। (स्वरचित मौलिक) संदीप कुमार सिंह✍️ जिला:_सकस्तीपुर(देवड़ा) बिहार
I am a writer and social worker.Poems are most likeble for me....