संदीप कुमार सिंह 01 May 2023 आलेख समाजिक मेरा यह आलेख समाजिक हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभान्वित होंगें। 4809 0 Hindi :: हिंदी
नारी समाज का एक अभिन्न अंग है। नारी एक वह पहलू है जिसके बिना किसी समाज की रचना संभव नहीं है। समाज में नारी एक उत्पादक की भूमिका निभाती है। नारी के बिना एक नए जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते अर्थात् नारी एक सर्जन है,रचनाकार है। यत्र नार्यस्तु पूज्यंते रमंते तत्र देवता अर्थात् जहां नारी की पूजा होती है, वहां देवता निवास करते हैं। भारतीय संस्कृति में महिलाओं को समाज में सबसे ऊंचा दर्जा दिया गया है। वैदिक युग में पिता अपनी पुत्री के विवाह के समय उसे आशीर्वाद देता था कि वह सार्वजनिक कार्य और कलाओं में उत्कृष्टता प्राप्त करें। सभ्यता के अनेक महत्वपूर्ण पड़ाव महिलाओं की उसी ओजस्विता और रचनात्मकता पर आधारित रहे हैं। नारी जिसे सुख और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। (स्वरचित मौलिक) संदीप कुमार सिंह✍🏼 जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा)बिहार
I am a writer and social worker.Poems are most likeble for me....