संदीप कुमार सिंह 13 Jul 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत मेरी यह कविता समाज हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभान्वित होंगें। 5650 0 Hindi :: हिंदी
(शायरी) (आज फिर दिल पर किसी ने दस्तक दी है, मेरे ज़हन ने फिर न सुनने की हिदायत दी है।) आज मेरे वर्षों से उदास पड़ा दिल ने खुशियां दी है, और कोई कोमल अनजान सूरत ने इसे रंगी कर दी है, इन हसीना को मैं दिल में अपने मंजिल कर लिया हूं_ जिसने मुरझाए शक्ल को जीने की बेहतरीन हुनर दी है। (स्वरचित मौलिक)_ संदीप कुमार सिंह✍🏼 जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा)बिहार
I am a writer and social worker.Poems are most likeble for me....