कांतिलाल चौधरी 30 Mar 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत Google 9163 1 5 Hindi :: हिंदी
दो पल की ये जिंदगी आज बचपन कल जवानी परसों बुढापा भी चलो हसकर जिए खुलकर करिए फिर ना आए रात सुहानी फिर में आए दिन सुहाना आज बीत गया जो बीत गया क्यों करे तू कल की चिंता दूसरा पल हो ना हो — कांतिलाल चौधरी
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