संदीप कुमार सिंह 21 Jun 2023 गीत समाजिक मेरा यह गीत समाज हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभान्वित होंगें। 5275 0 Hindi :: हिंदी
(दोहा छंद) समय समय का फेर था, गए वनवास राम। रावण का वध थे किए,अमर हुआ तब नाम।। समय समय का फेर था, सत्य गया था हार। भरी सभा में द्रौपदी, करी करुण चीत्कार।। (स्वरचित मौलिक) संदीप कुमार सिंह✍🏼 जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा)बिहार
I am a writer and social worker.Poems are most likeble for me....