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खत लिखता हूं -प्रभु कर लेना ये स्वीकार

Ujjwal Kumar 25 Sep 2023 कविताएँ धार्मिक खत लिखता हूं प्रभु कर लेना ये स्वीकार। 13643 0 Hindi :: हिंदी

खत लिखता हूं प्रभु
तुम्हे पहली ही दफा
कर लेना ये स्वीकार
होना मुझपे ना खफा...!!

दीन बच्चा हूं मैं तेरा,
लें विनती मेरी मान,
तेरी शरण में रखो,
होगा मेरा बहुमान...!!

प्रेम पाती है प्रभुजी,
कुछ मेरी अरज की,
दे देना खोल कर के
बातें मेरी गरज की..!!

दर पे तेरे मैं आया
चाहतों का ले पिटारा,
दिक्कतों का देख मेरे 
करना है निपटारा...!!

है कौन इस जहां में
एक तेरे सिवा मेरा
दूसरा न है मुझको
बस तेरा है सहारा....!!

किससे कहूं अपनी
ये दुविधा देख सारी
तू अखंड आनंद है
दुनियां दुखों की मारी....!!

खत लिखता हूं प्रभु
कर लेना ये स्वीकार।।
🙏🙏🙏🙏

    युवा रचनाकार
✍️उज्ज्वल कुमार

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