Swami Ganganiya 25 Sep 2023 शायरी अन्य 14719 0 Hindi :: हिंदी
आज बीत गये वो गमों के सायें आज तु फिर क्यों रोता है। चन्द खुशियाँ थी अपने पास खुशियों का भण्डार देख ये दिल आज फिर रोता है। कहाँ गये वो गमों के साये जिन्हे शोचकर ही ये दिल भर आता है। आज बीत गये वो गमों के साये आज फिर तु क्यों रोता है।