Join Us:
20 मई स्पेशल -इंटरनेट पर कविता कहानी और लेख लिखकर पैसे कमाएं - आपके लिए सबसे बढ़िया मौका साहित्य लाइव की वेबसाइट हुई और अधिक बेहतरीन और एडवांस साहित्य लाइव पर किसी भी तकनीकी सहयोग या अन्य समस्याओं के लिए सम्पर्क करें

वक्त कैसा भी आये,-छुटे न कभी अपना ईमान

संदीप कुमार सिंह 30 Nov 2023 कविताएँ समाजिक How to articles post on Facebook?How to download GPA?How to download PhonePay?How to download Paytm?How to published articles? 9245 0 Hindi :: हिंदी

दुश्मन  जो  मूँह  खोलेगा, तोड़  देंगे  उसका  गुमान।
प्यार लिए  प्यार दुष्मनों  के  लिए, तलवार मेरी जुबान।
जिन्दगी के सफर  में,अस्त्र - शस्त्र रखना ज़रूरी  है-
वक्त  कैसा  भी  आये, छुटे  न  कभी  अपना  ईमान।
(स्वरचित मौलिक)
संदीप कुमार सिंह✍️
जिला:-समस्तीपुर(देवड़ा)बिहार

Comments & Reviews

Post a comment

Login to post a comment!

Related Articles

शक्ति जब मिले इच्छाओं की, जो चाहें सो हांसिल कर कर लें। आवश्यकताएं अनन्त को भी, एक हद तक प्राप्त कर लें। शक्ति जब मिले इच्छाओं की, आसमा read more >>
Join Us: