Join Us:
20 मई स्पेशल -इंटरनेट पर कविता कहानी और लेख लिखकर पैसे कमाएं - आपके लिए सबसे बढ़िया मौका साहित्य लाइव की वेबसाइट हुई और अधिक बेहतरीन और एडवांस साहित्य लाइव पर किसी भी तकनीकी सहयोग या अन्य समस्याओं के लिए सम्पर्क करें

कभी कभी में सोचता हु की तेरे घर के सामने मेरा भी एक घर हो

Pravin Chaubey 22 Nov 2023 शायरी प्यार-महोब्बत kavya#sad shayari #hindi shayari #shayari#Love shayari #viral#new#poeam#hindi Kavita #sad shayari#motivational shayari # old shayari 4997 0 Hindi :: हिंदी

कभी कभी में सोचता हु की तेरे घर के सामने मेरा भी एक घर हो जब जब जी चाहे तुम्हारा हम को देखने को तुम्हारी नजरो के सामने बस हम हो 
जब नजरे मिले तुम्हारी हमारी नज़रों से उस वक्त हवाएं भी थोड़ा मध्यम हो 
सूरज की किरने हो बदलो के पीछे और मौसम भी एक दम नम हो
हल्की हल्की सी हो बरिसो की बूंदे उस बरीसो में भीगता मेरा हम दम हो 
कभी कभी में सोचता हु की तेरे घर के सामने मेरा भी एक घर हो 
जब जब जी चाहे तुम्हारा हम को देखने को तुम्हारी नजरो के सामने बस हम हो 
                          प्रवीण चौबे

Comments & Reviews

Post a comment

Login to post a comment!

Related Articles

मेरे नजर के सामने तुम्हारे जैसे बहुत है यहीं एक तू ही हो , मोहब्बत करने के लिए यह जरूरी तो नहीं read more >>
मीठी-मीठी यादों को दिल मैं बसा लेना जब आऐ हमारी याद रोना मत हँस कर हमें अपने सपनों मैं बुला लेना read more >>
Join Us: