Sharda prasad 30 Mar 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत लैला मजनू 23242 0 Hindi :: हिंदी
नूर देख मैं हुआ दीवाना,बन्द हुआ सब अन्न खाना रहा देखता मैं दीदार ,रास ना आया लैला का प्यार प्यार प्यार में रोया दो दिन,घर मे हुआ बड़ा घमासान बाबूजी का पड़ा जब जूती,उतर गया मेरा प्यार का भूती चुम्बन तक पहुँचा था यार, याद आ गया बाबूजी का मार प्यार का भूत उतर ग भईया, जबसे पड़ ग बाबू जी का छइया| दोस्तो शुभ रात्रि शुभ प्रभात शुभ प्रणाम