Sharda prasad 24 May 2023 कविताएँ दुःखद कुमार विश्वास, हिंदी कवि 4494 0 Hindi :: हिंदी
फ़टे मटमले कपड़े उनके, तन का वस्त्र भी है ना इनके दिन-रात का ना ठिकाना, ठीक से हो ना खाना-पाना बच्चे के लिए वो अड़ जाता, रिक्शे पे जिंदगी सड़ जाता सुनता लोगो की बात, बोलता अपने दिल की बात गरीब जिंदगी 🙏🏻