संदीप कुमार सिंह 11 Jun 2023 गीत प्यार-महोब्बत मेरा यह गीत समाज हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभान्वित होंगें। 4771 0 Hindi :: हिंदी
हमराही मेरे सुनो, तेरे बिन सब शून्य। तूं जब हो दिल में नहीं,खो जाता मूर्धन्य।। धड़कन कहती है सदा,आ जाओ अब पास। बिन तेरे कुछ भी नहीं,जीवन हुआ उदास।। तुम थे तो थी नित खुशी,बजती पायल पाँव। आँगन में थी दीप्ति अरु,मिलती थी मधु छाँव।। रोम रोम में याद तुम,हृदय करे फरियाद। पल पल देखूं राह मैं,जल्दी मिल आजाद।। कहीं नींद गायब हुई,और नहीं है चैन। नजर तरस है यूं रही,जैसे दिन बिन रैन।। करते जन उपहास अब,ताना देते लोग। मेरे प्रिय आजा यहां,कर ले सुख भोग।। होगे जब तू साथ में, होगी दिव्य बहार। सपने सब गुलजार हो,सिर्फ करेंगे प्यार।। (स्वरचित मौलिक) संदीप कुमार सिंह✍️ जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा) बिहार
I am a writer and social worker.Poems are most likeble for me....