Bholenath sharma 09 May 2024 कविताएँ समाजिक बदल गये हो तुम । 1822 0 Hindi :: हिंदी
तुम बदल गये हो , हाँ यार या शहर के तुम हो गये हो बस गये हो तुम जहाँ पर या वही के तुम गये हो बदल गये है ठाठ तेरे बदल गये है भाव तेरे बदल गये पहनाव तेरे बदल गये रहाव तेरे बदल गये श्रृंगार तेरे बदल गये है यार तेरे बदल गये है रूप तेरे बदल गये क्या प्यार तेरे