संदीप कुमार सिंह 08 Jul 2023 कविताएँ अन्य मेरी यह कविता समाज हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभान्वित होंगें। 5833 0 Hindi :: हिंदी
(मुक्तक छंद) बरसे सावन झूम के,लाया दिव्य निखार। पुरुष स्त्री सब सौम्य है, रग रग में है प्यार। जलमय जलमय है यहां ,पानी में है जोश_ भींग भींग कर जन सभी,करते हैं इकरार। (स्वरचित मौलिक) संदीप कुमार सिंह✍️ जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा)बिहार
I am a writer and social worker.Poems are most likeble for me....