Rambriksh Bahadurpuri 13 Jan 2024 कविताएँ समाजिक #Rambriksh Bahadurpuri #Ambedkarnagar poetry #Chunav per kavita #neta per kavita 1633 0 Hindi :: हिंदी
अब चुनाव आ गया कौवा सा कांव कांव गांव गांव छा गया लगने लगा है कि अब चुनाव आ गया। पांच साल बाद फिर याद अब आ गया पूछ पूछ हाल चाल पांव फिर भा गया लगने लगा है कि अब चुनाव आ गया। गाजा बाजा साज संग भो भा ला गया उन्नति विकास का फिर से गीत गा गया लगने लगा है कि अब चुनाव आ गया। मुर्गा शाराब रोज हर कोई खा रहा रोज खा खा कर दुहाई खूब गा गया लगने लगा है कि अब चुनाव आ गया। बांट बांट साड़ी पैसा दिल में समा गया बैठि बैठि घर के अंदर अपना बना गया लगने लगा है कि अब चुनाव आ गया। रचनाकार रामबृक्ष बहादुरपुरी अम्बेडकरनगर उत्तर प्रदेश
I am Rambriksh Bahadurpuri,from Ambedkar Nagar UP I am a teacher I like to write poem and I wrote ma...