Join Us:
20 मई स्पेशल -इंटरनेट पर कविता कहानी और लेख लिखकर पैसे कमाएं - आपके लिए सबसे बढ़िया मौका साहित्य लाइव की वेबसाइट हुई और अधिक बेहतरीन और एडवांस साहित्य लाइव पर किसी भी तकनीकी सहयोग या अन्य समस्याओं के लिए सम्पर्क करें

अब चुनाव आ गया-कौवा सा कांव कांव गांव गांव छा गया

Rambriksh Bahadurpuri 13 Jan 2024 कविताएँ समाजिक #Rambriksh Bahadurpuri #Ambedkarnagar poetry #Chunav per kavita #neta per kavita 1633 0 Hindi :: हिंदी

अब चुनाव आ गया 


कौवा सा कांव कांव
  गांव  गांव  छा  गया
     लगने   लगा  है  कि
        अब चुनाव आ गया। 

पांच साल बाद फिर
  याद  अब  आ  गया 
    पूछ  पूछ  हाल चाल
       पांव  फिर  भा  गया 
          लगने  लगा  है  कि
             अब चुनाव आ गया। 

गाजा बाजा साज संग
  भो   भा    ला    गया
     उन्नति  विकास   का
       फिर  से गीत गा गया
          लगने  लगा  है   कि
             अब चुनाव आ गया। 

मुर्गा शाराब रोज
  हर कोई  खा रहा
    रोज खा खा  कर 
      दुहाई खूब गा गया 
        लगने  लगा  है कि
          अब चुनाव आ गया। 

बांट बांट साड़ी पैसा
  दिल  में   समा   गया
    बैठि बैठि घर के अंदर
      अपना     बना   गया
         लगने  लगा   है  कि
            अब चुनाव आ गया। 

          रचनाकार
       रामबृक्ष बहादुरपुरी
    अम्बेडकरनगर उत्तर प्रदेश

Comments & Reviews

Post a comment

Login to post a comment!

Related Articles

शक्ति जब मिले इच्छाओं की, जो चाहें सो हांसिल कर कर लें। आवश्यकताएं अनन्त को भी, एक हद तक प्राप्त कर लें। शक्ति जब मिले इच्छाओं की, आसमा read more >>
Join Us: