SEWANAND 17 Aug 2023 कविताएँ अन्य लक्ष्य प्राप्त कैसे करें 5739 0 Hindi :: हिंदी
"लक्ष्य की ओर चल" जिन्दगी गुजर रही है, वक्त निकल रहा है। खड़ा हो यों अनमगा तूं क्या कर रहा है।। डूब मत सोच में लक्ष्य की ओर चल। लौटकर नहीं आयेगा गुजरा हुआ कोई पल ।। लड़ तूं मुसीबतों से बाधाओं को पार कर । उन्हें कब मंजिल मिली जो बैठ गये हारकर ।। कामयाबी के शिखर पर पहुँचे हुए हैं आज जो। तुम्हारी तरह ही किसी दिन साधारण आदमी थे वो।। छू सकते हो तुम भी हर वो ऊँचाई। सूरज ने जहाँ तक है। किरणें फैलाई।। चढ़ते जाओ तुम सीढ़ियाँ निरन्तर । कम होता जायेगा अपने आप अन्तर।। लेखक:- सेवानंद चौहान राज्य पुरस्कार प्राप्त शिक्षक