Join Us:
20 मई स्पेशल -इंटरनेट पर कविता कहानी और लेख लिखकर पैसे कमाएं - आपके लिए सबसे बढ़िया मौका साहित्य लाइव की वेबसाइट हुई और अधिक बेहतरीन और एडवांस साहित्य लाइव पर किसी भी तकनीकी सहयोग या अन्य समस्याओं के लिए सम्पर्क करें

तेजस्वी विवेकानंद के ओजस्वी विचार

virendra kumar dewangan 30 Mar 2023 आलेख देश-प्रेम patriot 86951 0 Hindi :: हिंदी

	हम वो हैं, जो हमें हमारी सोच ने बनाया है। इसलिए, इस बात का ध्यान रखिए कि आप क्या सोचते हैं? शब्द गौण हैं। विचार रहते हैं, वे दूर तक यात्रा करते हैं।
	जिनके साथ श्रेष्ठ विचार रहते हैं, वह कभी अकेला नहीं रह सकता।
	हर अच्छी बात का पहले मजाक बनता है, फिर उसका विरोध होता है और अंत में उसे स्वीकार लिया जाता है। 
	स्त्रियों की दशा में सुधार के बिना विश्व का कल्याण नहीं हो सकता।
	खुद को कमजोर मानना सबसे बड़ा पाप है।
	रामकृष्ण मिशन से जुड़े संतों का कहना है कि देश की धर्मनिरपेक्ष परंपरा के अनुसार, स्वामी विवेकानंद आधुनिक समय के हिंदू धर्म के सबसे बड़े प्रचारक थे। विवेकानंद ने खुद को हमेशा राजनीति से दूर रखा। उन्होंने हमेशा यही कहा कि वह राजनेता नहीं हैं।
	हम जो बोते हैं, वो काटते हैं। हम स्वयं अपने भाग्य के विधाता हैं। हवा बह रही है। वो जहाज जिनके पाल खुले हैं, इससे टकराते हैं और अपनी दिशा में आगे बढ़ते हैं। पर, जिनके पाल बंधे हैं, हवा को नहीं पकड़ पाते। क्या यह हवा की गलती है? हम खुद अपना भाग्य बनाते हैं।
	हमारा कर्तव्य है कि हम किसी को उसका उच्चतम आदर्श जीवन जीने के संधर्ष में प्रोत्साहन करें और साथ-ही-साथ उस आदर्श को सत्य के जितना निकट हो सके, लाने का प्रयास करें।
	जीवन को नियम के अधीन कर देना ही आलस्य पर विजय पाना है।	
	आप जैसा विचार करेंगे, वैसे ही बन जाएंगे। अगर अपने को निर्बल मानेंगे, तो निर्बल बन जाएंगे। यदि अपने को समर्थ मानेंगे, तो आप समर्थ बन जाएंगे।
	हमारे व्यक्तित्व की उत्पत्ति हमारे विचारों में है, इसलिए ध्यान रखें कि आप क्या विचारते हैं? विचारों का असर दूर तक जाता है।
	उठो, जागो और तब तक मत रुको, जब तक लक्ष्य की प्राप्ति न हो जाए।
	सच्ची, ईमानदार व ऊर्जावती महिलाएं, जितना कोई मनुष्य एक सदी में कर सकता है, उसके मुकाबले एक वर्ष में कर सकती हैं।
	शक्ति जीवन है, कमजोरी मृत्यु। विस्तार जीवन है, संकुचन मृत्यु। प्यार जीवन है, तो नफरत मृत्यु।
	तुम अपनी अंतस्थ आत्मा को छोड़ किसी और के सामने सिर मत झुकाओ। जब तक तुम यह अनुभव नहीं करते कि तुम खुद देवों के देव हो, तुम मुक्त नहीं हो सकते।
	संसार में तीन तरह के मनुष्य होते हैं। एक वे, जो कहते तो बहुत-कुछ हैं, पर करते कुछ भी नहीं हैं। दूसरे वे, जो कहते हैं और करते भी हैं। तीसरे वे, जो कहते कुछ भी नहीं हैं, पर करते बहुत-कुछ हैं। इस दुनिया का इतिहास जिन लोगों ने बदला है, वे तीसरे प्रकार के मनुष्य थे। वे कहते कुछ भी नहीं थे, मगर करते बहुत-कुछ थे।
	यदि कोई ऐसा दिन आए, जब आपको किसी समस्या का सामना न करना पड़े, तो यह तय है कि आप गलत दिशा में जा रहे हैं।
	जीवन में बुरी आदत पर विजय प्राप्त करने से बड़ा कोई आनंद नहीं हो सकता।
	बुद्धिमत्ता का लक्ष्य स्वतंत्रता और स्वाभिमान के साथ जीवनयापन करना है। संस्कारों का लक्ष्य परस्पर मानवीय व्यवहार करने की शिक्षा देना है। ज्ञान का लक्ष्य हृदय को प्रेम-पूर्ण बनाना है, तो शिक्षा का उद्देश्य चरित्र का निर्माण करना है। बुद्धिमत्ता, संस्कार, ज्ञान और शिक्षा अपने इन लक्ष्यों को न छू सके, तो समझो व्यर्थ है।
	लक्ष्य को ही अपना जीवन-कार्य समझो। हर समय उसका चिंतन करो, उसी के स्वप्न देखो और उसी के सहारे जीवित रहो।
	किसी विचार को अपना लक्ष्य बनाओ। उस विचार को अपनी जिंदगी बनाओं। उसके बारे में सोचो, उसका सपना देखो। उठते-बैठते बस वही विचार आपके साथ रहे। अपने दिमाग, मांसपेशियों, नसों, शरीर के हर अंग को उस विचार से भर लो। यही सफलता का रहस्य है।
	मानव की सच्ची साथी विद्या है, जिसके कारण वह विद्वान कहलाता है।
	किसी बात से तुम उत्साहहीन न हो। जब तक ईश्वर की कृपा हमारे ऊपर है, कौन इस पृथ्वी पर हमारी उपेक्षा कर सकता है। यदि तुम अंतिम सांस ले रहे, तो भी न डरना। प्रत्येक कार्य सिंह की शूरता और पुष्प की कोमलता के साथ करते रहो।
	परीक्षा की तैयारियों के दौरान बच्चे को आपसे अतिरिक्त प्यार और सहानुभूति की अपेक्षा होती है। इन जरूरतों को समझना और पूरा करना आपका फर्ज है। इससे बच्चे की मानसिक थकान मिटने के साथ-साथ आपके रिश्ते की डोर भी मजबूत होगी।
	यह कभी मत सोचो कि कोई काम असंभव है। यदि कोई पाप है, तो यह कहना ही एकमात्र पाप है कि आप कमजोर हैं या दूसरे कमजोर हैं।
	एक आदर्श संयासी होने की अपेक्षा एक आदर्श गृहस्थ होना अधिक कठिन है।
	ईश्वर के प्रति प्रगाढ़ प्रेम में लीन सफल और प्रगतिशील मानसिक चेष्टा को भक्ति कहते हैं।
	आप ईश्वर में तब तक विश्वास नहीं कर पायेंगे, जब तक आप अपने-आप में विश्वास नहीं करते।
	ब्रह्मांड की सारी शक्तियां हमारे पास हैं, लेकिन हम अपनी आंखों पर हाथ रखकर रो रहे हैं कि चारोंओर अंधेरा छाया है।
	आत्मविश्वास सरीखा दूसरा कोई मित्र नहीं। यही हमारी उन्नति में सबसे बड़ा सहायक होता है।
	श्रद्धा का अर्थ अंधविश्वास नहीं है। किसी ग्रंथ में कुछ लिखा हुआ या किसी व्यक्ति का कुछ कहा हुआ अपने अनुभव बिना सच मानना श्रद्धा नहीं है।
	जो चुनौतियों का सामना करने से डरता है, उसका असफल होना तय है। इसलिए बच्चों को डरना नहीं, बल्कि उन्हें डटकर मुकाबला करना सिखाइए।
	अपना ही दोष ढूंढ निकालना ज्ञानवीरों का काम है। हमारा उद्देश्य संसार के प्रति भलाई करना है, अपने गुणों का गान करना नहीं। 
	उन्होंने 1897 में रामकृष्ण मिशन की स्थापना की। रामकृष्ण मठ दुनियाभर में आध्यात्मिक आंदोलन के लिए रामकृष्ण मिशन के रूप में जाना जाता है। इस मठ का आधार वेदांत का प्राचीन हिंदू दर्शन है। 
	स्वामी विवेकानंद ने जाति, धर्म, साम्प्रदायिकता के विरूद्ध मनुष्यता के उत्कर्ष का रास्ता दिखाया था। वे युवाओं को क्रांति का दूत मानते थे। युवा खेलों में रमकर भी एकाग्रता व सफलता हासिल कर सकता है।
भारतीय युवाओं के पे्ररणापुंज इस महान कर्मयोगी संत का 4 जुलाई 1902 को महज 39 वर्ष की अल्पायु में देहावसान हो गया।
				--00--
अनुरोध है कि लेखक के द्वारा वृहद पाकेट नावेल ‘पंचायत’ लिखा जा रहा है, जिसको गूगल क्रोम, प्ले स्टोर के माध्यम से writer.pocketnovel.com पर  ‘‘पंचायत, veerendra kumar dewangan से सर्च कर और पाकेट नावेल के चेप्टरों को प्रतिदिन पढ़कर उपन्यास का आनंद उठाया जा सकता है तथा लाईक, कमेंट व शेयर किया जा सकता है। आपके प्रतिक्रियाओं की प्रतीक्षा रहेगी।

Comments & Reviews

Post a comment

Login to post a comment!

Related Articles

किसी भी व्यक्ति को जिंदगी में खुशहाल रहना है तो अपनी नजरिया , विचार व्यव्हार को बदलना जरुरी है ! जैसे -धर्य , नजरिया ,सहनशीलता ,ईमानदारी read more >>
Join Us: