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"पूजा"

Mukesh Namdev 30 Mar 2023 शायरी प्यार-महोब्बत ##दिलों का मुसाफिर 9618 0 Hindi :: हिंदी

                       "पूजा"
"मैं चाह कर भी तुमको और तुम्हारे नाम को नहीं भुला सकता,
क्योंकि हर रोज सुबह उठने से पहले मंदिरों में एक शंखनाद होता है,
और मां बोलती है उठ जा बेटे पूजा का समय हो गया है"
                  #Mukesh Namdev

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