"महाकाल"
"हम खोज में निकले है,जिसके वो कहीं कैलाश की चोटी पर बैठा है, शांत,शन्यू,अमुख-सा जिसके सिर पर विराजी है,गंगा गले में लिपटा है, सर्प read more >>
"साया"
"मैंने बहुत कोशिश की,मेरी कलम से निकला हुआ अल्फ़ाज मोहब्बत् के बारे में तक़रीर न करे,मगर उनकी यादों का साया इस कदर है कि,न चाह के भी read more >>
"जिंदगी"
"जब कभी जिंदगी से हारने लगता हूँ,और खुद को अकेला पाता हूँ,तो कहीं रुक कर ओठों के ताज को सुलगा लेता हूँ,एक लंबा कश लेकर धुऐं के साथ read more >>