Mohammed fejaan 30 Mar 2023 शायरी समाजिक गूगल 8788 0 Hindi :: हिंदी
शायरी , नंबर 12 अरे आज-कल तो लोग अच्छाई रास्ते को छोड़के भूराई के रास्ते पर चलने लगएँ हैं। दुनिया वाले अरे आज-कल तो लोग अच्छाई के रास्ते को छोड़के भूराई के रास्ते पर चलने लगई हैं। दुनिया वाले लेकिन मेरे बड़े भाई हमने कभी भुराई के रास्ते को नहीं अपनाया हैं। और ना हि कभी अच्छाई को छोड़कर बुराई को अपनाएँ गए कभी चाहए कितने बड़े पहाड़ टट पड़े लेकिन हम शेतान के बेहकाँए में कभी नहीं आए गए. हीँ मेरी' जॉन,, मोहम्मद फैजान सिद्धिकी हरियाण सी.टी पानीपत गांव नूवाला 25 फूटा रोट ईन्दा विहार कॉलोनी वार्ड न0 2,
I , am Mohammed fejaan my father name rais ahamad and mathar name vasila...