Rupesh Singh Lostom 07 Sep 2023 शायरी अन्य बांध सके 11185 0 Hindi :: हिंदी
बांध सके कोई तो हो जो रिश्तों में बांध सके झूठा ही सही अपना मान सके दिल का खत्ता भी क्या था जो वो रुठ गए प्यार कोई गुनाह तो नहीं जो वो पिछड़ गए इतना मुश्किल भी तो नहीं था साथ निभाना फिर क्यों क्यों क्यों मुझ से दूर दूर दूर गए माना की तू चाँद हैं पर दाग तो तुझ में भी फिर किस बात की अकड़ जो मुझे भूल गए