Baba ji dikoli 09 Sep 2023 शायरी प्यार-महोब्बत Shayri 40460 0 Hindi :: हिंदी
वो गुरूर क्यों न करे खुद पे एक नजर देखने से जो उसे मिल गए हम। उसका मुँह फेरना लाजमी था इतनी आसानी से जो मिल गए हम । Baba ji dikoli
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आजाद कवि...