Swami Ganganiya 30 Mar 2023 शायरी अन्य उदास हूँ ,Hindi shayri 88942 0 Hindi :: हिंदी
मैंमैं हर गम से जार-जार हूँ। क्योकि खफा खुद से में आज हूँ। खुशियाँ ही खुशियाँ है इस जहा में यहाँ। फिर भी आज मैं उदास हूँ। 🦋***🦋***🦋***🦋***🦋 खुशियाँ नही इतनी मेरे पास के मैं जग को हँसा सकूँ। बस शकून दे एक पल का, मेरे खुदा के इस पल में, खुद को, खुद से मिला सकूँ। 🌺 *** *** *** 🌺 हर गम से जार-जार हूँ। क्योकि खफा खुद से में आज हूँ। खुशियाँ ही खुशियाँ है इस जहा में यहाँ। फिर भी आज मैं उदास हूँ। 🦋***🦋***🦋***🦋***🦋 खुशियाँ नही इतनी मेरे पास के मैं जग को हँसा सकूँ। बस शकून दे एक पल का, मेरे खुदा के इस पल में, खुद को, खुद से मिला सकूँ। 🌺 *** *** *** 🌺 🦋 स्वामी गंगानिया 🦋