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मैंने फूलों का दर्द देखा है

DINESH KUMAR KEER 22 Jan 2024 शायरी समाजिक 1527 0 Hindi :: हिंदी

"मैंने तितली की नब्ज़ पकड़ी है, 
 मैंने फूलों का दर्द देखा है, 
मैंने अक्सर बहारे शफक़त में, 
सबज़ पत्तों को ज़र्द देखा है... "

-दिनेश कुमार कीर

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