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नासूर बने जख्म-क्या उन्हें भर पायेगा

Meenakshi Tyagi 10 Jul 2023 शायरी अन्य नासूर बने जख्म 6175 0 Hindi :: हिंदी

जो जख्म नासूर बन गए 
क्या वक्त उन्हें भर पायेगा
कुदरत की लिखी किस्मत से
 क्या कभी बंदा बच पाएगा।।

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