Rupesh Singh Lostom 16 Apr 2023 शायरी प्यार-महोब्बत पंख लगाते हैं 9202 0 Hindi :: हिंदी
चलो मुस्कुराते हैं थोड़ा दिल जलाते हैं चलो न थोड़ा प्रेम में पंख लगाते हैं उड़ जायें दूर कही आशमा में छुप जायें चलो हम तुम मिल के एक परिवार बनाये तू झूठी हैं हर रोज़ बदलती हैं इश्क़ करने का ढंग चलो न कुछ खुशियां दुनिया से छीन के लाते हैं मुझे सिकवा नहीं तुझ से न कोई गिला हैं चलो न एक और आशमा आशमा से उचा बनाते हैं