Trishika Srivastava 30 Mar 2023 शायरी प्यार-महोब्बत सच और झूठ के दरमियाँ / Sach Aur Jhooth Ke Darmiyaan 71372 0 Hindi :: हिंदी
सच और झूठ के दरमियाँ, मेरी ज़िंदगी उलझ कर रह गई ताब में उन की ज़ुबाँ भी आज, जाने क्या-क्या मुझ से कह गई — त्रिशिका श्रीवास्तव धरा, कानपुर