Join Us:
20 मई स्पेशल -इंटरनेट पर कविता कहानी और लेख लिखकर पैसे कमाएं - आपके लिए सबसे बढ़िया मौका साहित्य लाइव की वेबसाइट हुई और अधिक बेहतरीन और एडवांस साहित्य लाइव पर किसी भी तकनीकी सहयोग या अन्य समस्याओं के लिए सम्पर्क करें

सफलता

Divya Kumari 19 Mar 2024 कविताएँ अन्य 2480 0 Hindi :: हिंदी

वक्त की इस डोर पे कुछ सपनो को छोड़ दे
माना तु आज खुद से हारी हैं पर आज भी दुर्गा सी नारी है
मत हार मान तु इन मुश्किलों से
रख भरोसा तु थोरा अपनों पे
एक दिन तुम इन मुश्किलों से भी पार पायेगी
वह दिन भी आयेगा जब तु फिर से खरी हो जायेगी
हर सफलता आसान सी नहीं होगी
क्या सबकी कहानी एक जैसी होगी
मेहनत का हाथ अब तु थाम ले
वक्त आ गया उड़ान की अपनी कुर्सी की पेटी बांध ले
पक्षी सी पर नहीं पर हौसला हैं
मुश्किल की इन घड़ी मे सपनो से खुन खौला हैं
याद कर उन सपने को
ये अपना हैं उस अपने का
मन समय की उल्टी घड़ी हैं.
पर आज तु उनके आशीर्वाद से खड़ी हैं
मत सोच कल क्या होगा अपनी मेहनत करती रह
यह मुश्किल  भी टलेगी जब तु खुद काँटों पर चलेगी
काँटे भी फूल बन जायेगी शायद तुम्हे सफलता मिल जायेगी
शायद तुम्हे सफलता मिल जायेगी
शायद तुम्हे सफलता मिल जायेगी

Comments & Reviews

Post a comment

Login to post a comment!

Related Articles

शक्ति जब मिले इच्छाओं की, जो चाहें सो हांसिल कर कर लें। आवश्यकताएं अनन्त को भी, एक हद तक प्राप्त कर लें। शक्ति जब मिले इच्छाओं की, आसमा read more >>
Join Us: