संदीप कुमार सिंह 20 May 2023 गीत समाजिक मेरा यह गीत समाज हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभान्वित होंगें। 5127 2 5 Hindi :: हिंदी
माया से संसार है,सबका अपना दाम। खुद को तुम अति योग्य कर,करिए सुंदर काम।। करिए सुन्दर काम,समाँ रौशन तब रहता। छोड़ें कभी न आस,ज्ञान यह ही है कहता।। कहते कवि संदीप,रखे चमचम जो काया। और रखे मृदु भाव,करे क्या उसका माया।। (स्वाचित मौलिक) संदीप कुमार सिंह✍️ जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा) बिहार
11 months ago
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I am a writer and social worker.Poems are most likeble for me....