Join Us:
20 मई स्पेशल -इंटरनेट पर कविता कहानी और लेख लिखकर पैसे कमाएं - आपके लिए सबसे बढ़िया मौका साहित्य लाइव की वेबसाइट हुई और अधिक बेहतरीन और एडवांस साहित्य लाइव पर किसी भी तकनीकी सहयोग या अन्य समस्याओं के लिए सम्पर्क करें

मूढ़ पति मिल जाय यदि- सुखी बनै संसार

Jitendra Sharma 30 Mar 2023 कविताएँ हास्य-व्यंग हास्य व्यंग, जितेंन्द शर्मा, कविता सागर। 87845 0 Hindi :: हिंदी

पहला रंग-
18/2/2023

बाबु ने कुछ लजाकर, कुछ इठलाकर अपने सोहना बाबू से पूछा - मेरे सोहना, मेरे बाबु, मुझे नया आईफोन कब दिलवाएंगे।

सोहना बाबु पहले झेंपा, फिर मुस्काराया और होंठ गोल करके बोला - मेरे बाबु जब तुम अपने सारे सोहना बाबुओं को छोड़कर एक अकेले मेरे बाबु हो जाओगे।

बाबु थोड़ी शर्माई थोड़ा इतराई और बल खाकर  बोली - मेरे सोहना, मेरे बाबु तुम तो सब जानते हो।
पर तुम्हारे भी तो कई बाबू हैं, मुझ एक बाबु को तुम अपना बाबू कहां मानते हो।।

दूसरा रंग-

मूढ़ पति मिल जाय यदि, सुखी बनै संसार।
छीन-झपट कर लीजिये, दोनों हाथ पसार।।
दोनों हाथ पसार, इनकी महिमा न्यारी।
जिसको ये मिल जाय, सफल जग में वो नारी।।
कह जीतु कविराय, रहस्य समझाता गूढ़।
सात जन्म तर जायें, पति मिले भौंदु या मूढ़।

Comments & Reviews

Post a comment

Login to post a comment!

Related Articles

शक्ति जब मिले इच्छाओं की, जो चाहें सो हांसिल कर कर लें। आवश्यकताएं अनन्त को भी, एक हद तक प्राप्त कर लें। शक्ति जब मिले इच्छाओं की, आसमा read more >>
Join Us: