Ujjwal Kumar 14 Jun 2023 कविताएँ अन्य 5819 1 5 Hindi :: हिंदी
बात जब आयी अग्निपरीक्षा की तब याद आयी हमें जनकसुता । बात जब आयी चीरहरण की तब याद आयी हमें अग्निसुता ।। बात जब आयी आत्मसम्मान की तब याद आयी हमें वनिता । बात जब आयी स्त्री सुरक्षा की तब याद आयी हमें कांता ।। कब तक स्त्री सारी परीक्षा देती रहेगी ? कब तक स्त्री सम्मान के लिए भटकती रहेगी ? ✍उज्ज्वल कुमार
10 months ago