Join Us:
20 मई स्पेशल -इंटरनेट पर कविता कहानी और लेख लिखकर पैसे कमाएं - आपके लिए सबसे बढ़िया मौका साहित्य लाइव की वेबसाइट हुई और अधिक बेहतरीन और एडवांस साहित्य लाइव पर किसी भी तकनीकी सहयोग या अन्य समस्याओं के लिए सम्पर्क करें

चुभी कीलें इतने-पुरानी बातों की

Sudha Chaudhary 09 Jun 2023 कविताएँ दुःखद 7354 0 Hindi :: हिंदी

जगमगाती रोशनी थी
पुरानी बातों की।
सतह से उठती थी हंसी,
खनखनाती बातों की।
गमी ने इस तरह
पैर फैलाया
ऐसा लगता है
बरसों से कोई
था ही नहीं।
फटे पन्नों की तरह
बिखर गये रिश्ते।
समेटते क्या?
चुभी कीलें इतने।

सुधा चौधरी
बस्ती

Comments & Reviews

Post a comment

Login to post a comment!

Related Articles

शक्ति जब मिले इच्छाओं की, जो चाहें सो हांसिल कर कर लें। आवश्यकताएं अनन्त को भी, एक हद तक प्राप्त कर लें। शक्ति जब मिले इच्छाओं की, आसमा read more >>
Join Us: