Ajeet 30 Mar 2023 कविताएँ दुःखद तुलसी की कविता 45058 0 Hindi :: हिंदी
रिश्तों के धागे में मैं बंधा, बहती हुई नदियों की तरह मन बह रहा तुलसी तुम से मिले बिना चाचा का अब रिश्ता टूटा सा लग रहा, एक मासूम सी कली हो तुम छोटे से पालने मे पली हो तुम यही तुलसी अपनी कहानी, रो रोकर सूख रहा आँखों का पानी|