Karuna bharti 06 Apr 2024 कविताएँ प्यार-महोब्बत Karuna bharti.com 1766 0 Hindi :: हिंदी
न जाने क्यु मेरे जिस्मो को , तेरी सहारे की जरूरत परती है, ख़ुदको करदु तेरे हवाले, यही मन की चाहते कहती है, क्यु प्यार की पतझर बारिशों मे, भीग जाने को दिल केहता है इस अपनी आशिक भवर को खुदमे समा लेने को इरादे केहती है न जाने क्यू.....