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आंख में कुआँ बहुत गहरा है,,।।

कविता पेटशाली 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक 71117 0 Hindi :: हिंदी

अच्छाई के पैर किनारा नहीं पाते,।मगर,
सदैव अमृत तक पहुँच जाते हैं,,।।
वक़्त के आगे भला किसका पहरा है,।
जो जिय, गया, मुस्कान के साथ,।मगर,
उसके आंखों में कुआँ बहुत गहरा है,।।
कविता पेटशाली 💐❤️💞❤️❤️❤️💝💞💐🖋️📒

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