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कविता पेटशाली

कविता पेटशाली

कविता पेटशाली

@ --41
, उत्तरांचल

Writing poem ~~most like than Hindi shahitya🖋️📒💝🌺🌺🌺🌺🌺🌺shahitya lover ,💌🦜📛⚜️♥️♦️♣️♠️🙋🤝💕🇮🇳💝

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My Articles

काँच ,बिखरे ,शहर , मैं,लहू का अरमान कहां,से लाऊं, दोषी ,के पैरों में है ,धूप,। मगर ,अंधा इस देश का कानून , मैं, आसमान कहां,से लाऊं, बहुत,करीब स read more >>
एँ,पर्वत ,कभी ,तुम ,मुझे,। एकाग्र पथ पर,डटे ,रहने का ,। उपहार दो,। मेरे ,इन नयनों ,में ,जो छवि है ,तुम्हारी, दृढ़ ,एवं कठोर,‌‌ हालातों ,से ,म� read more >>
अखबारों ,की यह सुर्खियां , फिर ,इक मां ,का कलेजा फटता होगा,। जब ,ये ,नन्ही सी बेटीयां,पैदा होती ,है,न,। अनुभूति ,ऐसी,होती है,।जैसे ,खुद आकर ,ई� read more >>
जहर घोलती ,दुनिया ,।काटने को है ,रास्ता,। दाव,पर है ,पैर,।मगर कटने नहीं दुंगी,। कर्तव्य पथ पर ,कर्म है,पूजा,। जहाँ,हो ,देश ,की हो बात,। सर,हट� read more >>
ये ,कमल ,मांगती ,कलम,। कभी ,पटल ,पर ,फिर ,मुझे ,मुस्कुराने ,दो,। ये,सूरज,ये चाँद,। रोज ,मुझे ,तकते हैं,। पृथ्वी ,पर ,इक पुष्प की आशा ,है,। कलम ,ये read more >>
कलम का आगाज ,कुछ ,इस ,तरह से हुआ,। बोली ,कलम ,कागज ,कहीं ,लहुलुहान ,मुझे ,निहारता, आखिर ,ऐसे ,शब्दों, से ,कहाँ,मेरी ,और तस्वीरें,बनाओगे तुम,। इ� read more >>
क्या? लिखूं कि ये शाम गुजर जाये,। सोचती ,हूँ, आंख ही बंद ,कर ,लूं, और ,ये ,हालात सुधर जाये,। बहुत,निहारा ,चाँद ,एक,। मजाल ,कि ,ये याद ,मिट ,जाये,� read more >>
अरसे ,से ,बीती ,कहाँ,रैन, सोए,भी भला कैसे ,गुलजार,। छड़ी ,इक ,दिखाते ,गयी ,नैन,। भीड़,से जागा ,कभी तो, कभी सन्नाटे में ,रहा अभागा,। आखिरकार ,ब� read more >>
एक ,चेहरा नहीं ,लिख ,पाती हूँ,। मगर ,साए से यह ख्वाहिशें ,मन ही मन , फिर वहीं ,याद गुनगुनाती हूँ, निश्छल ही यह प्रेम ,अधुरा कहाँ,रहा,। मगर भट� read more >>
मैं ,उस मुकाम ,पर हूँ,।जहाँ,कलम कुछ बोले ,लोग सवाल बहुत ,करते हैं,। मगर साये में कौन है,ख्याल बहुत रखते हैं,। कविता ✍️ read more >>
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