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हवा और सूरज- हवा और सूरज में बहस

DINESH KUMAR KEER 07 Jan 2024 कहानियाँ बाल-साहित्य 4906 0 Hindi :: हिंदी

हवा और सूरज

एक बार हवा और सूरज में बहस छिड़ी। हवा ने कहा मैं तुमसे अधिक बलवान हूं। सूरज ने कहा नहीं, मैं तुमसे अधिक बलवान हूं। उसी समय वहाँ से एक आदमी जा रहा था, उसने एक शॉल लपेटी हुई थी। हवा ने उस आदमी की ओर देखकर कहा कि जो भी आदमी के शरीर के ऊपर से शॉल को अलग कर देगा, वही अधिक बलवान होगा।
सूरज ने हवा की बात मान ली। हवा ने पहले पहल की। हवा ने अपनी पूरी ताकत लगा दी शॉल को चीरने में किन्तु हवा तेज चलने के कारण उस आदमी ने और जोर से शॉल को पकड़ लिया। हवा कुछ न कर पाई। अब सूरज की बारी आई। सूरज मुस्कुराते हुए गर्म होने लगा। आदमी ने भी मुस्कुराते हुए सूरज की गर्मी को महसूस किया और जल्द ही शॉल को अपने से थोड़ा अलग कर दिया। अब सूरज ने और मुस्कुराते हुए अपने गर्मी तेज की, गर्मी तेज होने के कारण आदमी को अब शॉल की जरूरत नहीं थी उसने मुस्कुराते हुए अपनी शॉल को जमीन पर फेंक दिया। इस प्रकार सूरज को अधिक बलवान घोषित किया गया।

-दिनेश कुमार कीर

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